दहलीज हूँ... दरवाजा हूँ... दीवार नहीं हूँ।
अंधेरा हर तरफ और मैं दीपक की तरह जलता रहा।
झुकाकर पलकें शायद कोई इकरार किया उसने,
जब से तुमको देखा है दिल बेकाबू हमारा है,
रास्ते पर तो खड़ा हूँ पर चलना भूल गया हूँ।
न जाने उससे मिलने का इरादा कैसा लगता है,
उजालों में चिरागों की अहमियत नहीं होती।
ज़ालिम दुनिया समंदर है किनारा मुमकिन नहीं।
सौदा करते हैं लोग यहाँ एहसासों के बदले,
चेहरा तेरा चाँद का टुकड़ा सारे जहाँ से प्यारा है।
हुजूर लाज़िमी है महफिलों में बवाल होना,
सूरज की तरह तेज मुझमें मगर मैं ढलता रहा,
कि पता पूछ रहा हूँ मेरे सपने Love Quotes कहाँ मिलेंगे?
तेरी चिट्ठी जो किताबों में छुपा रखी है।